उत्तराखंड में भाजपा ने अपने मिशन-2027 पर काम शुरू कर दिया। भाजपा ने उत्तराखंड में वर्ष 2027 के संभावित कैंडिडेट तय करने के लिए प्रथम चरण का सर्वे शुरू कर दिया। प्रत्येक विधानसभा में स्थानीय विधायकों के कामकाज के प्रति जनता के रिस्पांस को आंका जाएगा।

सूत्रों के अनुसार प्राथमिक सर्वेक्षण के बाद दो सर्वे और होंगे, जो वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रत्याशियों का नाम तय करने का आधार बनेंगे। माना जा रहा है कि खास रणनीति के तहत कुछ सीटों पर मौजूदा विधायकों के टिकट काटते हुए नए चेहरों को भी लाया जा सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी का प्रत्याशी चयन का एक ठोस पैमाना है। जनभावनाओं पर खरा उतर पाने वालों को ही पार्टी चेहरा बनाती है। सर्वे से इसका निर्णय लेने में आसानी रहती है।
मालूम हो कि, उत्तराखंड में विस चुनाव वर्ष 2027 में फरवरी मार्च में प्रस्तावित है। अगले साल पूरी तरह से चुनावी वर्ष हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार हाल में यह बात भी सामने आई है कि कुछ वरिष्ठ नेता अपनी मौजूदा सीट को बदलने के इच्छुक भी है। वर्तमान सीट पर उम्मीद के अनुसार रिजल्ट न मिलने की आशंका व दूसरे सुरक्षित ठिकाने भी तलाश रहे हैं। इस वजह से भी पार्टी नेतृत्व के सामने में मुश्किल है। ऐसे में सर्वेक्षण के नतीजे भी टिकट देने और टिकट काटने में सहायक साबित होंगे।
धामी समेत सभी नेताओं की जनता के बीच सक्रियता बढ़ी
मिशन 2027 के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी करीब-करीब सभी नेताओं की गतिविधियां बढ़ गई हैं। भाजपा का प्रदेश का मुख्य चेहरा होने की वजह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सक्रियता भी काफी बढ़ी है। हालांकि धामी बाकी नेताओं के मुकाबले फील्ड में सर्वाधिक सक्रिय रहते हैं, लेकिन अब उनके नए टूर सड़क मार्ग से ज्यादा हो रहे हैं। अभी 16 और 17 अक्तूबर को चंपावत, टनकपुर, खटीमा में धामी ने सड़क मार्ग से पूरा दौरा किया और लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा जाते रहे। अब उनका ग्राम रात्रि विश्राम का सिलसिला भी जल्द ही शुरू होने जा रहा है। दूसरी तरफ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी अपनी नई टीम के साथ सक्रिय हैं।
कांग्रेस का अब तक संगठन तक नहीं
जहां भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं कांग्रेस अभी संगठन के गठन में उलझी है। पर्यवेक्षक इसकी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप चुके हैं। लेकिन अब तक अंतिम राय नहीं बन पाई है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना कहना है कि पार्टी के 27 संगठनात्मक जिलों का पुनर्गठन जल्द हो जाएगा। इसके बाद 31 दिसंबर तक राज्य के सभी 70 विस क्षेत्रों में शत प्रतिशत बूथ कमेटियां तैयार कर ली जाएंगी।
मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद भी जारी
इस सबके बीच प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की की कवायद भी जारी है। हालांकि यह दीवाली तक प्रस्तावित था, लेकिन अब बिहार चुनाव की वजह से इसमें कुछ समय और लग सकता है। हालांकि विस्तार की प्रक्रिया विचाराधीन है। इस पर काफी कुछ काम किया जा चुका है। हाईकमान की अनुमति के बाद इसे आकार दे दिया जाएगा।
