नैनीताल हाई कोर्ट में उपनल और आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की याचिका पर हुई सुनवाई. राज्य सरकार ने रखा पक्ष। ..

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उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य के कई सरकारी विभागों में उपनल सहित कई अन्य आउट सोर्स एजेंसियों के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने के मामले पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए खण्डपीठ के द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देश के आधार पर उन्हें नियमित करने को लेकर उन्हें प्राथमिकता देने को कहा है।

हुई सुनवाई पर राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि पूर्व में खण्डपीठ ने आउट सोर्स व उपनल कर्मचारियों को नियमित करने का सुझाव राज्य सरकार को दिया था। जो अभी राज्य की कैबिनेट में लंबित है। जिसपर पर निर्णय लिया जाना बाकी है। मामले के अनुसार टिहरी जनपद के पुनर्वास विभाग में सन 2013 से कार्यरत आउट सोर्स कर्मचारियों के द्वारा उन्हें नियमित करने को लेकर चुनोती दी है। जिसमे उनके द्वारा कहा गया कि वे वर्ष 2013 से मात्र 1700 के मानदेय पर कार्य कर रहे है। वे आउट सोर्स कर्मवहारी है। जबकि विभाग के द्वारा उनसे पूरा कार्य कराया जा रहा है।

इस पद के लिए वे पूरी योग्यता भी रखते है। बार बार उनको नियमित करने को लेकर उनके द्वारा सम्बन्धित विभाग को प्रार्थनापत्र दिया गया लेकिन उसपर कोई विचार न हुआ। याचिका दायर करने से पूर्व उच्च न्यायलय की खंडपीठ ने उनके हक में फैसला देते हुए कहा था कि 2013 से जो कर्मचारी आउट सोर्स एजंसी से लगे है राज्य उन्हें नियमित करने के लिए चार माह के भीतर निर्णय लें। लेकिन अभी तक उन्हें चार माह बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नही लिया गया।

बार बार प्रत्यावेदन देने के बाद भी विभाग के द्वारा कहा जा रहा है कि यह मामला राज्य के कैबिनेट में विचाराधीन है। जब तक केबिनेट का निर्णय नही आ जाता तब तक उन्हें नियमित नही किया जा सकता। कोर्ट ने उनके मामले पर सुनवाई करते हुए उनके प्रत्यावेदन पर विचार करने के आदेश निदेशक पुनर्वास को दिए हैं। इसको चुनोती टिहरी निवासी सुबोध कुरियाल व अन्य ने चुनोती दी है जो 2013 से पुनर्वास विभाग में कार्य कर रहे हैं

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