कैसे 6 महीने बिना तेल और बाती के जलता है दीपक? जाने बद्रीनाथ धाम का रहस्य

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पृथ्वी का बैकुंठ धाम

बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। यह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और अलकनंदा नदी के किनारे नर और नारायण पर्वतों के मध्य बसा है। यहां भगवान विष्णु की शालीग्राम पत्थर से बनी चतुर्भुज मूर्ति की पूजा होती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु यहां छह माह योगनिद्रा में रहते हैं और शेष छह माह जागकर भक्तों को दर्शन देते हैं।

मंदिर के दीपक का रहस्य

बद्रीनाथ धाम से जुड़ा एक रहस्यमय तथ्य यह है कि जब मंदिर के कपाट सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, उस समय एक दीपक जलता हुआ छोड़ दिया जाता है। यह दीपक पूरे छह महीने तक बिना बुझे जलता रहता है, जबकि इस दौरान वहां कोई नहीं रहता। कपाट खुलने पर मंदिर वैसा ही स्वच्छ और व्यवस्थित मिलता है, जैसा बंद करते समय था। यह चमत्कार आज भी श्रद्धालुओं की आस्था को और गहरा करता है।

ऐतिहासिक और आध्यात्मिक मान्यता

बद्रीनाथ को लेकर एक प्रसिद्ध कहावत है —“जो जाए बदरी, वो ना आए ओदरी”, अर्थात जो व्यक्ति एक बार बद्रीनाथ में दर्शन कर लेता है, उसे दोबारा इस संसार में जन्म नहीं लेना पड़ता।

बद्रीनाथ वही स्थान है जहाँ भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण ने तपस्या की थी।

  • सतयुग में केवल भगवान विष्णु के दर्शन संभव थे,
  • त्रेतायुग में देवताओं और ऋषियों को दर्शन हुए,
  • और कलियुग में अब आमजन भी विग्रह रूप में भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
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